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Tuesday 21 May 2013

हो रहा है भारत निर्माण, तिरंगे का केसरिया हुआ नारंगी!


नई दिल्ली।। देश के झंडे के तीन रंग कौन-कौन से हैं? इस सवाल का जवाब आप- केसरिया, सफेद और हरा बताएंगे, लेकिन हमारा सूचना प्रसारण मंत्रालय ऐसा नहीं मानता है! पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की बरसी पर सूचना प्रसारण मंत्रालय के टीवी ऐड में भारी चूक करते हुए तिरंगे का एक रंग गलत बताया गया है। मंत्रालय ने यह ऐड भारत निर्माण सीरीज के तहत 'सद्भाव-आइडिया ऑफ इंडिया' नाम से जारी किया है। भ्रष्टाचार और महंगाई के शोर में दब गईं अपनी 'उपलब्धियों' को गिनाने के लिए सरकार भारत निर्माण ऐड कैंपेन पर टैक्स पेयर्स के 180 करोड़ रुपये फूंक रही है।

क्या है गलती: सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक मिनट 38 सेकेंड के इस ऐड में देश के लोगों को सद्भाव की मिसालें देते हुए दिखाया गया है। ऐड के एक हिस्से में स्कूल में एक बच्ची को तिरंगे के रंगों के सहारे सद्भाव का उदाहरण देते हुए दिखाया गया। चूक यहीं पर ही है। यहां पर बच्ची को तिरंगे के तीन रंगों को ऑरेंज, वाइट और ग्रीन कहते हुए दिखाया गया है। सभी जानते हैं कि तिरंगे में ऑरेंज (नारंगी) रंग नहीं बल्कि सैफरन (केसरिया) होता है।

22 जुलाई 1947 को देश के संविधान द्वारा अपनाए गए तिरंगे में सबसे ऊपर गहरा केसरिया, बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरा हरा रंग बराबर अनुपात में है। झंडे की चौड़ाई और लंबाई का अनुपात 2:3 है। सफेद पट्टी के केंद्र में 24 तीलियों वाला गहरा नीले रंग का अशोक चक्र है, जिसका प्रारूप सारनाथ में स्थापित सिंह के शीर्षफलक के चक्र से लिया गया है।
 
नैशनल फ्लैग कोड में पूर्व राष्ट्रपति और जाने-माने शिक्षाविद् सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए केसरिया (सैफरन) रंग को त्याग और वैराग्य का प्रतीक बताया गया है। इसी तरह सफेद रंग प्रकाश और शांति के प्रतीक के रूप में लिया गया। हरा रंग प्रकृति से संबंध और संपन्नता दर्शाता है। इसके अलावा केंद्र में अशोक चक्र धर्म के 24 नियमों की याद दिलाता है।

यूपीए सरकार ने पिछले ही सप्ताह चुनावी साल को ध्यान में रखते हुए में इंडिया शाइनिंग की तर्ज पर इस विज्ञापन अभियान को लॉन्च किया है। मनमोहन सरकार के पिछले नौ सालों के कार्यकाल में किए गए कामों को मौन क्रांति करार देते हुए सूचना प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने इसे लॉन्च किया था। 

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