NaMo NaMo

Namo Event

Friday 24 May 2013

मोदी को निपटाने के लिए गडकरी को मोहरा बना रहे हैं आडवाणी



नई दिल्ली।। बीजेपी के शीर्षस्थ नेता लालकृष्ण आडवाणी इस बात को अच्छी तरह से जानते हैं कि अगला आम चुनाव उनका अंतिम मौका है। लेकिन, उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा हैं गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी। मोदी को निपटाने के लिए उन्होंने पूर्व पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को मोहरा बनाने की कोशिश की है। यह और बात है कि चार महीने पहले आडवाणी ने ही गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनने से रोकने के लिए 'खेल' कर दिया था और ऐन ताजपोशी के वक्त ताज राजनाथ सिंह के सिर पर रख दिया गया।

एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, पिछले दिनों गडकरी, आडवाणी के घर लंच पर गए थे। इस दौरान आडवाणी ने उनसे कहा, 'मैंने इलेक्शन कैंपेन कमिटी के चेयरमैन पद के लिए पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से आपके नाम की सिफारिश की है।' गौरतलब है कि मोदी इस पद के लिए पार्टी में सबसे मजबूत दावेदार हैं और कहा जा रहा है कि उनका नाम करीब-करीब तय है। जून में 8 और 9 तारीख को गोवा में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कैंपेन कमिटी के चेयरमैन के नाम की घोषणा संभव है।

बीजेपी के सूत्रों का कहना है कि गडकरी कैंपन कमिटी का चेयरमैन बनने के तो इच्छुक हैं, लेकिन वह मोदी बनाम आडवाणी के झगड़े में नहीं पड़ना चाहते हैं। इसके अलावा वह यह भी नहीं चाहते कि उन्हें आडवाणी के उम्मीदवार के तौर पर देखा जाए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने भी गडकरी को सलाह दी है कि जब तक पूर्ति ग्रुप को लेकर चल रही जांच में सबकुछ साफ न हो जाए वह लो प्रोफाइल ही रहें। इन वजहों से गडकरी ने आडवाणी के 'प्रस्ताव' पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं।


 वैसे भी इस बात की संभावना कम है कि आडवाणी की सिफारिश पर राजनाथ उन्हें कैंपेन कमिटी का चेयरमैन बनाने के लिए उत्सुक दिखें। दोनों के बीच संबंध बहुत मधुर नहीं हैं। राजनाथ ने गडकरी से विचार-विमर्श किए बिना नागपुर के ही देवेंद्र फडणवीस के महाराष्ट्र का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया। प्रदेश प्रभारी की नियुक्ति के वक्त जब राजनाथ सिंह ने गडकरी से सलाह मांगी तो उन्होंने इस पर नाराजगी भी जता दी थी।

आडवाणी और मोदी की रेस में गडकरी का महत्व दूसरी वजह से भी है। पार्टी के 12 सदस्यीय संसदीय बोर्ड में आडवाणी और मोदी खेमे के लोगों की संख्या करीब-करीब बराबर है। गडकरी फिलहाल किसी खेमे के नहीं माने जाते हैं। ऐसे में गडकरी जिस भी खेमे के साथ जाएंगे, संख्या बल के हिसाब से उसका पलड़ा भारी हो जाएगा। 


Source: http://navbharattimes.indiatimes.com/india/national-india/gadkari-is-advani-pawn-against-modi/articleshow/20221164.cms

No comments:

Post a Comment